Tuesday, April 13, 2010

उनका मुस्कराना

जब जीवन मरुस्थल हो जाता है,
नीरसता जाती है,
ह्रदय हाहाकार करता है,
इधर उधर
आगे पीछे
कुछ भी नजर आता है,
एक पल का
उनका मुस्कराना
हमें सारा जहाँ
रगीन नजर आता है

पत्झां के जीवन में
आस कहाँ
प्यास कहाँ
बंद हो जाती है
सब राहें,
इठलाती है
खिलखिलाती हैं
खुशियाँ विखर जाती है,
तब
उनकी एक मुस्कान
नव कोपल की
नव जीवन की सन्देश
लाती हैं

उनका मुस्कराना
ज़माने का इठलाना
इधर उधर
चारों तरफ
हरियाली छा जाना
खुसुबुओं का छा जाना
ऐसा है उनका जाना
उनका मुस्कराना
हमको जीवन दे जाना

No comments:

Post a Comment