Sunday, May 9, 2010

माँ

हमारे और आपके जीवन को देने वाली हमको दुनियादारी कि सिख तक पहुचने वाली माँ,
तुमको हम सादर अपना शीश समर्पण करते हैं


एक जीवन देने वाली
दुखो को हरने वाली,
एक-एक पल को संजोकर
मेरे स्वप्नों को स्वरुप देने वाली
एक शरारत पर न्योछावर होने वाली,
जीवन को जोवन देने वाली एक ही
खुद को मिटाकर
हमको सर पर बिठा कर
सयाना बनाने वाली
तुम ही तो हो
माँ,
बस तुम ही हो
माँ


आशा है कि मै माँ - पिता जी की सेवा कर सकूँगा और उनको किसी प्रकार का कस्ट नहीं होने दूं , ऐसी मेरी इच्छा है

माँ दिवस पर एक छोटी सी इच्छा

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