कुछ बन जाओ
कुछ कर जाओ
निखार दो अपनी मस्तक को
धार दो अपनी निगाहों को,
बल परिपूर्ण करो बांहों को
फैला दो सीना प्रेम कि बहारो को।
मत भूलो इस जीवन के उपकार
मत भूलो मानव का आहार
कर दो मानवता का एक नया
फिर से चमत्कार।
जीवन को इतना
उपयोगी कर दो,
हर कोई मानव से प्यार करे
तकरार करे भी तो
एक दूजे से करे प्यार ।
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