Wednesday, May 26, 2010

सबूत

खुशियों को न मिटने दो
किसी को भी न
किसी से बिछड़ने दो
अहसास तो होगा
जब कोई आस-पास होगा
राहें होंगी तो मोड़ भी होगा,
नहीं होगा तो उबासी
नहीं होगी तो उछाछी
एक सुनहरा सा अहसास
जीवन जीने का
होगा ही,
भूल कर अपना पराया
बिसरा कर वासना
जिन्दगी होने का
सबूत तो हंस कर
देना ही होगा।

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